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Sunday 14 October 2018

*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-13, आयत, ①①②*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

हाँ क्यों नहीं जिसने अपना मुंह झुकाया अल्लाह के लिये और वह नेकी करने वाला है(14) तो उसका नेग उसके रब के पास है, और उन्हें न कुछ अन्देशा हो और न कुछ ग़म (15)


*तफ़सीर*

     (14) चाहे किसी ज़माने, किसी नस्ल, किसी क़ौम का हो.

     (15) इसमें इशारा है कि यहूदी और ईसाईयों का यह दावा कि जन्नत में फ़क़त वही मालिक हैं, बिल्कुल ग़लत है, क्योंकि जन्नत में दाख़िला सही अक़ीदे और नेक कर्मों पर आधारित है, और यह उनको उपलब्ध नहीं.

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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