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Wednesday 3 October 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #266


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*हुद हुद की वापसी*

     ज़्यादा देर न गुज़री कि हुद हुद वापस आ गया।चूंकि उसे सुलेमान عليه السلام का खौफ दामन गिर था चूंकि ओरिन्दे आपके बहुत ही ज़्यादा ताबे थे जिस तरह बाक़ी इंसान व जिन्न आपके ताबे थे। हुद हुद आपकी खिदमत में डर और आपके अदब व एहतेराम के पेशे नज़र अपनी दुम को ढीला किये हुए और अपने परों को ज़मीन से घसीटते हुए हाज़िर हुआ।

     आप عليه السلام ने गुस्सा से उसके सर को अपनी तरफ खिंचा तो उसने कहा ए अल्लाह के नबी ये भी याद रखो की एक दीन आपको और आपकी क़ौम को अल्लाह के दरबार मे खड़ा होना पड़ेगा। ये सुनकर आप عليه السلام पर कपकपी तारी हो गई और उसे माफ कर दिया।


*हुद हुद ताखीर की वजह बयान केरता है*

     हुद हुद ने सुलेमान عليه السلام को बताया कि मेरी ताखीर की वजह ये थी कि मुल्क सबा चला गया था वहां से ऐसी खबर लाया हूँ जिसका आप को पहले इल्म नहीं। वहां एक मलका है जसिका नाम बिलक़ीस बिन्त शराहिल है जिसके पास दुन्या का हर किस्म का माल व मताअ है और उसका तख्त बहुत बड़ा है उसके तख्त की लंबाई 80ज़राअ और चौड़ाई 40 ज़राअ और बुलन्दी 30 ज़राअ है और और वो तख्त सोने चांदी का बना हुआ है और मोतियों, सुर्ख याक़ूत, सब्ज़ जमुर्राद का उस पर श्रंगार किया हुआ है। उसके पाए भी याक़ूत और ज़मूरर्द के बने हुए है और वो सात कमरों में बंद है। एक कमरा दूसरे कमरे में इस तरह सात कमरे है। हर एक का दरवाजा बंद है।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 225

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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