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Wednesday 2 November 2016

*गफलत* #06
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

_*आँखों में आग*_
     औरतो को ताड़ने वालो,उमरदो के साथ बद निगाही करने वालो, फ़िल्में डिरामे देखने वालो,गाने बाजे और गीबतें सुनने वालो को चाहिये की झट तौबा करें वरना यक़ीनन अजाब सहा  न जाएगा, मन्कुल है : जो कोई अपनी आंखो को नजरे हराम से पुर करेगा क़ियामत के रोज उस की आँखों में आग भर दी जाएगी ।
*✍🏽मकाशफतुल कुलूब, 10*

_*आग की सलाई*_
     हजरते अल्लामा अबुल फरज अब्दुर्रहमान बिन जौजि अलैरहमा नक़ल करते है : औरत के महासिन (यानी हुस्नो जमाल) को देखना इब्लीस के जहर में बुजे हुए तीरो में से एक तीर है, जिस ने ना मरहम से आँख की हिफाजत न की उस की आँख में बरोजे क़ियामत आग की सलाई फेरी जाएगी ।
*✍🏽बहरू द्दुमु, 171*

_*आँखों और कानो में कील*_
     हजरते सैय्यिदुना इमाम हाफिज अबुल कासिम सुलेमान त-बरानी नक़्ल करते है : मेरे मीठे मीठे आकाﷺ ने एक मन्ज़र ये भी देखा की कुछ लोगो की आँखों और कानो में कील ठुके हुए है । आपﷺ की खिदमत में अर्ज की गई : येह वो लोग है जो वोह देखते है जो इन्हें नही देखना चाहिये और वोह सुनते है जो इन्हें नही सुनना चाहिये ।
*✍🏽अल-मुजमुल कबीर, 7,156*
     या'नी हराम देखने और सुनने वालो की आँखों और कानो में कील ठुके हुए है । खबरदार ! शैतान के धोके में आ कर टीवी पर खबरें भी न देखा करे की खबरों का बे पर्दा औरत से पाक होना दुशवार होता है । याद रखिये ! मर्द औरत को देखे या औरत मर्द को बी शहवत देखे  येह दोंनो काम हराम है और हर फे'ले हराम जहन्नम में में जाने वाला काम है ।

_*आँखों में पिघला हुवा सीस*_
     मन्कुल है : "जो शख्स शहवत से किसी अजनबिय्या के हुस्नो जमाल को देखेगा क़ियामत के दिन उस की आँखों में सीसा पिघला कर डाला जाएगा ।"
*✍🏽हिदाया, 2/367*
     यक़ीनन भाभी भी अजनबिय्या ही है । जो देवर व् जेठ अपनी भाभी को कसदन देखते रहे हों, बे तखल्लुफ़ बने रहे हो, मजाक मस्खरी करते रहे हों, वोह अल्लाह के अजाब से डर कर फौरन से पेश्तर सच्ची तौबा कर ले । भाभी अगर देवर को छोटा भाई और जेठ को बड़ा कह दे इस से बे पर्दगी और बे तखल्लुफ़ी व् हँसी मजाक  वगेरा  गुनाहो की दलदल में मजीद धंसते चले जाते है । याद रखिये ! जेठ और देवर व् भाभी का आपस में बिला जरूरत व् बे तखल्लुफ़ी से गुफ्त-गु करना भी मुसल्सल खतरे की घंटी बजता रहता है ! भलाई इसी में है की न एक दूसरे को देखे और न ही आपस में बिला जरूरत और बे तखल्लुफ़ी से बातचीत करे ।
*✍🏽गफलत, 12*
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खादिमे दिने नबीﷺ *ज़ैद वहोरा*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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