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Sunday 13 January 2019

*क़यामत और उसकी निशानियां* #03


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुुुवाल* - दज्जाल किस को कहते हैं , इस के निकलने का हाल बयान फ़रमाइये ? 

     *जबाब* -दज्जाल मसीह कज़्ज़ाब का नाम हैं। इस की एक आंख होगी और एक से काना होगा और इस की पेशानी पर كافر (काफ़िर) लिखा होगा। हर मुसलमान इस को पढ़ेगा, काफिर को नज़र न आएगा। वोह चालीस दिन में तमाम ज़मीन में फिरेगा मगर मक्का शरीफ़ और मदीना शरीफ में दाखिल न हो सकेगा। इन चालीस दिन में पहला दिन एक साल के बराबर होगा, दूसरा एक महीने के बराबर, तीसरा एक हफ्ते के बराबर और बाकी दिन आम दिनों के बराबर होंगे। दज्जाल खुदाई का दावा करेगा और उस के साथ एक बाग और एक आग होगी, जिस का नाम वोह जन्नत व दोज़ख रखेगा। जो उस पर ईमान लाएगा उस को वोह अपनी जन्नत में डालेगा जो हकीकत में आग होगी और जो उस का इन्कार करेगा उस को अपनी जहन्नग में दाखिल करेगा जो वाके में आसाइश की जगह होगी। बहुत से अजाइब यानी हैरत अंगेज़ चीजें दिखाएगा, जमीन से सब्ज़ा उगाएगा, आस्मान से बारिश बरसाएगा, मुर्दे जिन्दा करेगा, एक मोमिन सालेह उस तरफ मुतवज्जेह होंगे और इन से दज्जाल के सिपाही कहेंगे क्या तुम हमारे रब पर ईमान नहीं लाते? वोह कहेंगे मेरे रब के दलाइल छुपे हुवे नहीं हैं। फिर वोह इन को पकड़ कर दज्जाल के पास ले जाएंगे। येह दज्जाल को देख कर फ़रमाएंगे : ऐ लोगो ! येह वोही दज्जाल है जिस का रसूले करीम ﷺ ने ज़िक्र फरमाय हैं। दज्जाल के हुक्म से इन को जदो कोब किया (मारा) जाएगा। फिर दज्जाल कहेगा : क्या तुम मेरे ऊपर ईमान नहीं लाते? वह फरमाएंगे तू मसीह कज्जाब है, दज्जाल के हुक्म से इन का जिस्म मुबारक सर से पाउं तक चीर के दो हिस्से कर दिया जाएगा और उन दोनों हिस्सों के दरमियान दज्जाल चलेगा। फिर कहेगा उठ ! तो वोह तन्दुरुस्त हो कर उठ खड़े होंगे। तब दज्जाल उन से कहेगा तुम मुझ पर ईमान लाते हो ? वोह फरमाएंगे मेरी बसीरत और जियादा हो गई। ऐ लोगो ! येह दज्जाल अब मेरे बाद किसी के साथ फिर ऐसा नहीं कर सकता। फिर दज्जाल उन्हें पकड़ कर जब्ह करना चाहेगा और इस पर कादिर न हो सकेगा, फिर इन के दस्तो पा से पकड़ कर अपनी जहन्नम में डालेगा, लोग गुमान करेंगे कि उन को आग में डाला। मगर दर हकीकत वोह आसाइश की जगह होंगे। 

*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 36

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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