بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
गुरबत व मिस्कीनी अपने जिलौ ( या'नी मइय्यत ) में कितनी बरकतें लिये हुए है कि शहन्शाहे खुश खिसाल,पैकरे हुस्नो जमाल, रसूले बे मिसाल ﷺ भी । गुरौहे मसाकीन में शामिल होने और इसी गुरौह को अपनी रफाकत की। बरकतों से नवाज़ने की ख्वाहिश और इन से महब्बत की तल्कीन फ़रमा रहे हैं।
*सलाम उसपर कि जिस के घर में चांदी थी न सोना था सलाम उस पर कि टूटा बोरिया जिस का बिछोना था*
*_फुक़रा से महब्बत कुर्बते इलाही का सबब_*
हज़रते सय्यदुना अनस बिन मालिक رضی اﷲ تعالٰی عنه रिवायत करते हैं कि महबूबे रब्बुल इज्ज़त ﷺ ने हज़रते सय्यिदतुना आइशा सिद्दीका رضی اﷲ تعالٰی عنها, को मुखातब कर के इर्शाद फ़रमाया : ऐ आइशा (رضی اﷲ تعالٰی عنها) ! मिस्कीनों से महब्बत करो, उन्हें अपने करीब रखो ताकि बरोजे कियामत अल्लाह तआला तुम्हें अपने कुर्ब से नवाजे।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼 ग़रीब फाएदे में है पेज 16*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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