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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : नमाज़ जन्नत की कुन्जी है।
*✍🏼मुसन्दे अहमद बिन हम्बल*
जब नमाज़ जन्नत की चाबी है तो उसके बगैर जन्नत का दरवाज़ा हरगिज़ नहीं खुल सकता।
रहमते आलम ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : बन्दा जब नमाज़ के लिये खड़ा होता है तो उसके लिये जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाते है, उसके और परवरदिगार के दरमियान से हिजाबात (पर्दे) हटा दिये जाते है और हूरे इन उसका इस्तिक़बाल करती है।
*✍🏼अत्तरगिब् वत्तरहिब*
यानी बन्दा नमाज़ के वक़्त अल्लाह की रहमत के बेहद क़रीब हो जाता है।
*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 18
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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