بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
डर जाओ! लरज़ उठो! हकीकत में मुफ्लिस वोह है जो नमाज़, रोज़ा, हज, ज़कात व सदकात, सखावतों, फलाही कामों और बड़ी बड़ी नेकियों के बा वुजूद बरोजे कियामत खाली का खाली रह जाए !
कभी गाली दे कर , कभी तोहमत लगा कर , बिला इजाज़ते शरई डांट डपट कर, बे इज्ज़ती कर के , ज़लील कर के, मारपीट कर , आरियतन ( या'नी आरिज़ी तौर पर ) ली हुई चीजें कस्दन न लौटा कर , कर्ज दबा कर और दिल दुखा कर जिन को दुन्या में नाराज कर दिया होगा वोह उस की सारी नेकियां ले जाएंगे और नेकियां खत्म हो जाने की सूरत में उन के गुनाहों का बोझ उस पर डाल कर वासिले जहन्नम कर दिया जाएगा ।
*इलाही ! वासिता देता हूं मैं मीठे मदीने का*
*बचा दुन्या की आफत से,बचा उक्बा की आफत से*
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼 ग़रीब फाएदे में है पेज 17*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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