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Saturday 12 January 2019

*_नमाज़ की अहमिय्यत अहादिष की रौशनी में_* #01


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : इस्लाम की बुनयाद पांच चीज़ों पर है :

(१) अल्लाह की वाहदानिय्यत (उसके एक होने) की गवाही देना। इस बात का इक़रार करना कि हज़रत मुहम्मद ﷺ अल्लाह के बन्दे और रसूल है।

(२) नमाज़ अदा करना।

(३) ज़कात देना।

(४) (कर सकता हो तो) हज करना।

(५) रमज़ान के रोज़े रखना।

*✍🏼सहीह बुखारी*

     इस हदिष में पांच चीज़ों को इस्लाम की बुन्याद बताया गया है जिसमें नमाज़ भी शामिल है। अब ज़ाहिर है कि जो नमाज़ छोड़ देता है वो इस्लाम की बुन्याद ही ढा देता है।

     हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : नमाज़ दीन का सुतून (खम्बा) है जिसने उसे क़ायम रखा समझो उसने अपने दीन को क़ायम रखा और जिसने नमाज़ छोड़ दी समझो उसने दीन की इमारत ढा दी।

*✍🏼कन्जुल उम्माल*


बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله

*✍🏼नमाज़ की अहमिय्यत* 11

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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