بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
*सुवाल* - कयामत आने से पहले इस की क्या क्या अलामात ज़ाहिर होंगी ?
*जवाब* - कयामत के आने से पहले दुन्या से इल्म उठ जाएगा, आलिम बाकी न रहेंगे, जहालत फैल जाएगी, बदकारी और बे हयाई ज्यिादा होगी, औरतों की तादाद मर्द से बढ़ जाएगी। बड़े दज्जाल के सिवा तीस दज्जाल और होंगे, हर एक इन में से नुबुव्वत का दावा करेगा बा वुजूद येह कि हुजुरे पुरनूर सय्यदुल अम्बिया ﷺ पर नुबुव्वत खत्म हो चुकी। इन में से बाज दज्जाल तो गुजर चुके जैसे मुसैलमा कज्जाब, असवद अनसी, मिरज़ा अली मुहम्मद बाब, मिरज़ा अली हुसैन बहाउल्लाह, मिरज़ा गुलाम अहमद कादियानी, बाज और बाकी हैं वोह भी जरूर होंगे, माल की कसरत होगी, अरब में खेती, बाग, नहरें हो जाएंगी, दीन पर काइम रहना मुश्किल होगा। वक्त बहुत जल्द गुज़रेगा, जकात देना लोगों को दुश्वार होगा, इल्म को लोग दुन्या के लिये पढ़ेंगे, मर्द औरतें की इताअत करेंगे। मां बाप की ना फ़रमानी ज़ियादा होगी, शराब नोशी आम हो जाएगी, ना अहल सरदार बनाए जाएंगे, नहरे फुरात से सोने का खज़ाना खुलेगा। जमीन अपने अन्दर दफ्नशुदा खजाने उगल देगी, अमानत गनीमत यानी मुफ्त का माल समझी जाएगी, मस्जिदों में शोर मचेंगे, फासिक सरदारी करेंगे, फितना अंगेज़ों की इज्जत की जाएगी, गाने बाजे की कसरत होगी। पहले बुज़ुर्गो को लोग बुरा भला कहेंगे, कोड़े की नोक और जूते के तस्मे बातें करेंगे, दज्जाल और दाब्बतुल अर्ज़ और याजूज माजूज निकलेंगे। हज़रते इमाम मेहदी رضي الله عنه ज़ाहिर होंगे, हज़रते ईसा رضي الله عنه आसमान से उतरेंगे, सूरज मगरिब से तुलुअ होगा और तौबा का दरवाज़ा बन्द हो जाएगा।
*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 34
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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