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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
*सुवाल* - वोह कौन सी नमाज़ है जिसे अदा करना फर्ज़े ऐन है मगर उस की कज़ा पढ़ना हराम है ?
*जवाब* - वोह नमाजे जुमुआ है कि जिस का पढ़ना फ़र्जे ऐन है लेकिन अगर वोह छूट जाए तो उस की कज़ा पढ़ना हराम है बल्कि उस की कज़ा की जगह वोह जोहर पढ़ेगा।
*सुवाल* - क्या सुस्ती के सबब जुमुआ में देर से पहुंचने वाले का जुमुआ हो जाएगा ?
*जवाब* - जो जुमुआ में सुस्ती से आए और देर में पहुंचे अगर्चे उस का जुमुआ तो हो जाएगा मगर वो सवाब न मिलेगा जो जल्दी पहुंचने वाले को मिलता है।
*सुवाल* - जुमुए के लिये अलग जोड़ा रखने का क्या हुक्म है ?
*जवाब* - मुस्तहब है कि जुमुआ का जोड़ा अलग रखे जो ब वक़्ते नमाज़ पहन लिया करे और बाद में उतार दिया करे। इमाम ज़ैनुल आबेदीन तो नमाज़े पंजगाना के लिये अलग जोड़ा रखते थे।
*✍️दिलचस्प मालूमात* 83
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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