Pages

Friday 4 January 2019

शेरे ख़ुदा كرّم اﷲ تعالٰی و  جْهل الكرِيم की क़नाअत*  #2

*

بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

    जव शरीफ़ छान कर न पकाया जाए । इतने में अमीरुल मुअमिनीन كرّم اﷲ تعالٰی و  جْهل الكرِيم मेरी तरफ मु - तवज्जेह हुए और फ़रमाया : ऐ इब्ने गफ़ला ! आप इस कनीज़ से क्या फरमा रहे हैं ? मैं ने जो कुछ कहा था अर्ज कर दिया और इल्तिजा की : या अमीरल मुअमिनीन ! आप अपनी जान पर रहूम फ़रमाइये और इतनी मशक्कत न उठाइये । तो आप  كرّم اﷲ تعالٰی و  جْهل الكرِيم  ने फ़रमाया : ऐ इब्ने गफ़ला ! दो आलम के मालिको मुख्तार, मक्की मदनी सरकार, महबूबे परवर दगार ﷺ  और आप के अहलो इयाल ने कभी तीन दिन बराबर गेहूं की रोटी शिकम सैर हो कर नहीं खाई और न ही कभी आप  ﷺ  के लिये आटा छान कर पकाया गया।

      एक दफ्आ मदीनए मुनव्वरह  में भूक ने बहुत सताया तो मैं मजदूरी के लिये निकला, देखा कि एक औरत मिट्टी के ढेलों को जम्अ कर के उन को भिगोना चाहती थी मैं ने उस से फी डोल एक खजूर उजरत तै की और सोलह डोल डाल कर उस मिट्टी को भिगो दिया यहां तक कि मेरे *हाथों में छाले पड़ गए* फिर वोह खजूरें ले कर मैं हुजूरे अकरम, नूरे मुजस्सम, शाहे बनी आदम, रसूले मुहूतशम, शाफेए उमम ﷺ  के हुजूर हाज़िर हुवा और सारा वाकिआ बयान किया तो आप  ﷺ ने भी उन में से कुछ खजूरें तनावुल फ़रमाई। ( फैज़ाने सुन्नत , जि . 1 , स . 369 ) अल्लाह  की उन पर रहमत हो और उन के सदके हमारी मग्फिरत हो।

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله

*✍🏼 ग़रीब फाएदे में है   पेज 3*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

📱+91 9033503799

📧facebook.com/deenenabi

📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment