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Saturday 3 November 2018

*तज़किरए इमाम अहमद रज़ा* #13


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

_*तसानिफ*_

     मेरे आक़ा आला हज़रत رحمة الله عليه ने मुख़्तलिफ़ उनवानात पर कमो बेश 1000 किताबे लिखी है। यु तो आप ने 1286 सी.ही. से 1340 सी.ही. तक लाखो फतवे दिये होंगे, लेकिन अफ़सोस ! के सब नकल न किये जा सके, जो नकल कर लिये गए थे उनका नाम "अल अतायन्न-बइय्यह फिल फतावर्र-ज़वीययह रखा गया। फतावा रज़विय्या (मुखर्र्जा) की 30 जिल्दें है जिन के कुल सफहात : 21656, कुल सुवालात व जवाबात : 6847 और कुल रसाइल : 206 है।

*✍🏽फतावा रज़विय्या मुखर्र्जा, 30/10*

     क़ुरआन व हदिष, फिक़्ह, मन्तिक और कलाम वगैरा में आप की वुसअते नजरि का अंदाज़ा आप के फतावा के मुतालाए से ही हो सकता है।


*_तर्जमए कुरआन करीम_*

     मेरे आक़ा आला हज़रत رحمة الله عليه ने क़ुरआने करीम का तरजमा किया जो उर्दू के मौजूदा तराजिम में सब पर फोकिय्यत रखता है। तर्जमें का नाम *"कन्ज़ुल ईमान"* है जिस पर आप के खलीफा हज़रते मौलाना मुहम्मद नईमुद्दीन मुरादाबाद رحمة الله عليه ने बनामें "खजाइनुल इरफ़ान" और हज़रत मुफ़्ती अहमद यार खान ने "नुरुल इरफ़ान" के नाम से हाशिया लिखा है।

*✍🏽तज़किरए इमाम अहमद रज़ा, 19*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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