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Wednesday 22 February 2017

*फैजाने नवाफ़िल* #07

*_तहिय्यातुल वुज़ू_*
   
     वुज़ू के बाद आज़ा खुश्क होने से पहले 2 रकअत नमाज़ पढ़ना मुस्तहब है।
*✍🏽दुर्रे मुख्तार, 2/563*

     हज़रते उक़बा बिन आमिर رضي الله تعالي عنه से रिवायत है की नबीये करीम ﷺ ने फ़रमाया : जो शख्स वुज़ू करे और अच्छा वुज़ू करे और ज़ाहिर व बातिन के साथ मुतवज्जेह हो कर 2 रकअत पढ़े, उस के लिये जन्नत वाजिब हो जाती है।
*✍🏽सहीह मुस्लिम, 144/234*

     गुस्ल के बाद भी 2 रकअत नमाज़ मुस्तहब है। वुज़ू के बाद फ़र्ज़ वगैरा पढ़े तो क़ाइम मक़ाम तहिय्यातुल वुज़ू के हो जाएंगे।
*✍🏽रद्दुल मोहतार, 2/523*

*नोट :* मकरूह वक़्त में तहिय्यातुल वुज़ू और गुस्ल के बाद वाली 2 रकअत नही पढ़ सकते।
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 287*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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