Pages

Thursday 23 February 2017

*फैजाने नवाफ़िल* #08
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_सलातुल हाजात_*
     हज़रते हुजैफा से रिवायत है की जब हुज़ूरे अकरम को कोई अम्रे अहम पेश आता तो नमाज़ पढ़ते।
*✍🏽सुनन इब्ने दाऊद, 2/52, हदिष:1319*

     इस के लिये 2 या 4 रकअत पढ़े। हदीशे पाक में है : पहली रकअत में सूरए फातिहा के बाद आयतुल कुरसी पढ़े और बाक़ी 3 रकअत में कुलहु वल्लाह, और सूरए फलक और सूरए नास एक एक बार पढ़े, तो ये ऐसी है जेसे शबे क़द्र में 4 रकअत पढ़ी।
*✍🏽बहारे शरीअत, 4/34*
   
     हज़रते अब्दुल्लाह बिन औफि से रिवायत है की हुज़ूर फरमाते है : जिसकी कोई हाजत अल्लाह की तरफ हो या किसी बनी आदम (यानि इंसान) की तरफ तो अच्छी तरह वुज़ू करे फिर 2 रकअत नमाज़ पढ़ कर अल्लाह की सना करे और नबी पर दुरुद भेजे फिर ये पढ़े :
*لٙا اِلٰهٙ اِلّٙا اللّٰهُ الْـحٙلِيْـمُ الْكٙرِيْمُ سُبْـحٙانٙ اللّٰهِ رٙبِّ الْعٙرٍشِ الْعٙظِيْمِ اٙلْحٙمْدُ لِلّٰهِ رٙبِّ العٙاٙلمِيْنٙ اٙسْأٙلُكٙ مُوْجِبٙاتِ رٙحْمٙتِكٙ وٙعٙزٙاىِٔـمٙ مٙغْفِرٙتِكٙ  وٙالْغٙنِيْـمٙةٙ. مِنْ كُلِّ بِرٍّ وّٙالسّٙلٙا مٙةٙ مِنْ كُلِّ اِثْمٍ لٙا تٙدٙعْ لِىْ ذٙنْبًا اِلّٙا غٙفٙرْتٙهُ ولٙا هٙمًّ اِلّٙا فٙرّٙجْتٙـهُ وٙلٙا حٙاجٙةً هِىٙ لٙكٙ رِضًا اِلّٙا قٙضٙيْـتٙهٙا يٙا اٙرْحٙمٙ الرّٙا حِمِيْـنٙ*
*✍🏽सुनन तिर्मिज़ी, 2/21, हदिष:478*

     तर्जमा : अल्लाह के सिवा कोई मअबूद नही जो हलीम व करीम है, पाक है अल्लाह मालिक है अर्शे अज़ीम का, हम्द है अल्लाह के लिये जो रब है तमाम जहा का, में तुझ से तेरी रहमत के असबाब मांगता/मांगती हु और तलब करता/करती हु तेरी बख्शीश के ज़राएअ और हर नेकी से गनीमत और हर गुनाह से सलामती को, मेरे लिये कोई गुनाह बगैर मगफिरत न छोड़ और हर गम को दूर कर दे और जो हाजत तेरी रिज़ा के मुवाफ़िक़ है उसे पूरा कर दे ऐ सब महेरबानो से ज़्यादा महेरबान।
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 286*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 96249 63118
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment