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Sunday 25 March 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #93
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत इब्राहिम عليه السلام का बुतों को तोडना* #04
     *ऐतराज़* : क़ौम जब मेले पर जाने लगी तो उन्होंने इब्राहिम عليه السلام  को भी दावत दी तो आपने फ़रमाया में बीमार हूँ। हालांकि आप बीमार नहीं थे।। यह तो (मआज़ल्लाह) झूठ है, हज़रत इब्राहिम عليه السلام ने उनके बूत तोड़ दिये क़ौम ने पूछा तो आपने फ़रमाया यह काम तो इनके बड़े ने किया है, यह भी मआज़ल्लाह झूट नज़र आता है और हदीस में भी आपके तीन झूट का ज़िक्र मिलता है इन तीन में से दो यही है जिनका ज़िक्र किया गया।
     *जवाब* : झूट बोलने वाला नबी नहीं हो सकता झूट गुनाहे कबीरा है, अम्बियाए किराम नबुव्वत से पहले और बाद सगीरा और कबीरा गुनाहों से पाक है।
     हदीस में लोगों ने समझा कि आप عليه السلام ने मआज़ल्लाह तीन झूट बोले इसकी वज़ाहत की जाती है, अगर हदीस का तर्जमा ही सही कर दिया जाये तो समझ आ सकता है कि मतलब क्या है वह हदीस यह है...
     हज़रत अबू हुरैरा رضي الله عنه से मरवी है कि हुज़ूर ﷺ ने फरमाया हज़रत इब्राहिम عليه السلام ने सिवाए तीन बातों के कोई ऐसी बात नहीं की जिसको लोगों ने झूठ समझा हो इन तीन में से दो का तालुक़्क़ अल्लाह की ज़ात से है।
     एक आप का क़ौल "में बीमार होने वाला हूँ" दूसरा "उनके इस बड़े ने किया होगा" और तीसरा (जब आप फिलिस्तीन की तरफ हज़रत करके जा रहे थे तो उस दौरान) आप और आपकी ज़ौजा का ऐसी जगह से गुज़र हुआ जहाँ एक ज़ाबिर ज़ालिम शख्स मुसल्लत था उसको लोगों ने बताया यहाँ एक शख्स आया हुआ है जिसके साथ एक औरत है जो तमाम लोगों से ज़्यादा हसीन है।

बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 85
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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