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Friday 30 March 2018

*मेराज शरीफ के हवाले से मुफीद मालूमात* #03
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*मेराज शरीफ की हिकमतें* #02
     (3) रब ने सूरए तौबा आयत 111 में फ़रमाया: अल्लाह ने मुसलमानों की जान व माल खरीद लिये जन्नत के बदले में।
     अल्लाह मुसलमानों की जान व माल का खरीदार, मुसलमान फरोख्त करने वाले और ये सौदा हुवा हुज़ूर ﷺ की मारिफ़त से और जिस की मारिफ़त से सौदा हो वो माल को भी देखे और क़ीमत को भी। फ़रमाया गया: ऐ महबूब! तूने मुसलमानों की जान व माल तो देख लिये, आओ! जन्नत को भी देख जाओ और गुलामों की इमारतें और बागात वगैरा भी मुलाहज़ा कर लो बल्कि खरीदार को भी देख लो यानी खुद परवरदिगार की ज़ात को भी।
     (4) हुज़ूर ﷺ तमाम ममलुकते इलाहिय्या के ब अताए इलाही मालिक है इसी लिये जन्नत के पत्ते पत्ते पर, हूरों की आँखों में गर्ज़ कि हर जगह लिखा हुवा है: ये कि चीज़ें अल्लाह की बनाई हुई है और मुहम्मदुर रसूलुल्लाह को दी हुई है।
     मर्ज़िये इलाही ये थी कि मालिक को उस की मिल्किय्यत दिखा दी जावे।
*✍🏼फ़ैज़ाने मेराज* 64
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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