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Thursday 28 June 2018

*_नमाज़ छोड़ने का वबाल अहादिष की रौशनी में_* #08


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
     मेराज की रात हुज़ूर ﷺ का गुज़र एक ऐसी क़ौम पर हुआ जिनके सर पथ्थर से कुचले जा रहे थे, जब वो रेज़ा रेज़ा हो जाते फिर अपनी असली हालत पर आ जाते और यही अज़ाब उन्हें बराबर दिया जा रहा था। आपने पूछा : जिब्राइल ! ये कौन लोग है ? फ़रमाया : ये वो लोग है जिनके सर नमाज़ पढ़ने से भारी हो जाते थे (यानी नमाज़ नहीं पढ़ते थे, या नमाज़ को बोझ समझते थे)
*✍🏼मुकाशफतुल कुलूब* 386
     क़ुरआन और हदिष के इन वाज़ेह इर्शादात से वाक़ीफ़ होने के बाद हर उस शख्स को जो नमाज़ से गफलत बरत रहा हो उसे चाहिये कि नमाज़ी बन जाए ताकि अल्लाह और रसूल ﷺ की रज़ा हासिल हो ओर हर तरह की आफत और मुसीबत से दुन्या और आख़िरत में हिफाज़त हो।
*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 21
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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