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Monday 4 June 2018

*बरकाते ज़कात* #19
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
~*माल की बर्बादी*~
     ज़कात न देना माल की बर्बादी का सबब है। इस ज़िम्न में दो फरमाने मुस्तफा ﷺ समआत फरमाइये :
     ★ खुश्की व तरी में जो माल ज़ाए हुवा है, वो ज़कात न देने की वजह से तलफ हुवा है।
     ★ ज़कात का माल जिस में मिला होगा, उसे तबाह व बर्बाद कर देगा।
     सदरूश्शरीअ मुफ़्ती अमजद अली आज़मी अलैरहमा इस हदिष की वज़ाहत करते हुवे लिखते है :
बाज़ अईम्मा ने इस हदिष के ये माना बयान किये कि ज़कात वाजिब हुई और अदा न की और अपने माल में मिलाए रहा तो ये हराम उस हलाल को हलाक कर देगा।
     इमाम अहमद अलैरहमा ने फ़रमाया कि माना ये है कि मालदार शख्स माले ज़कात ले तो ये माले ज़कात उसके माल को हलाक कर देगा कि ज़कात तो फ़क़ीरों के लिये है और दोनों माना सहीह है।
*✍🏼बहारे शरीअत 1/5/871*
*✍🏼बरकतें ज़कात स.21*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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