بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
हज़रते ज़ैद बिन अरक़म रदिअल्लाहो तआला अन्हो नौ उम्र बच्चे थे। वहां मैजूद थे, येह सुन कर ताब न ला सके, कहने लगे, खुदा की कसम! तू ज़लील है, तू अपनी क़ौम में भी तिरछी निगाहों से देखा जाता है। तेरा कोइ हिमायती नहीं और मुहम्मद ﷺ इज़्ज़त वाले हैं। रहमान की तरफ से भी इज़्ज़त दिये गए हैं और अपनी कौम में भी इज़्ज़त वाले हैं, अब्दुल्लाह बिन उबय्य ने कहा अच्छा चुप रह मैं तो वैसे ही मज़ाक़ में कह रहा था, मगर हज़रते ज़ैद रदिअल्लाहो तआला अन्हो ने जा कर हुज़ूरे अक़दस से नक़्ल कर दिया। हज़रते उमर रदिअल्लाहो तआला अन्हो ने दरख़्वास्त भी की, इस काफ़िर की गरदन उड़ा दी जाए मगर हुज़ूर ﷺ ने इजाज़त मर्हमत न फ़रमाई।
अब्दुल्लाह बिन उबय्य को जब इस कि खबर हुई कि हुज़ूर तक येह किस्सा पहुंच गया है तो हाज़िरे ख़िदमत हो कर जुटी कसमें खाने लगा कि मैं ने कोई ऐसा लफ्ज़ नहीं कहा है। ज़ैद रदिअल्लाहो तआला अन्हो ने जुट नक़्ल कर दिया है। अंसार के भी कुछ लोग हाज़ीरे ख़िदमत थे। उन्होंने भी सिफ़ारिश की के या रसूलुल्लाह ﷺ ! अब्दुल्लाह कौम का सरदार है बड़ा आदमी शुमार होता है कि एक बच्चे की बात उस के मुक़ाबले में काबिले क़बूल नहीं। मुमकिन है कि सुनने में कुछ ग़लती हुई हो या समझने में। हुज़ूर ने उस का उज़्र क़बूल फ़रमा लिया।
हज़रते ज़ैद रदिअल्लाहो तआला अन्हो को जब उस की खबर हुई कि उस ने जूटी कसमों से अपने को सच्चा शाबित कर दिया और ज़ैद को ज़ुटला दिया तो शर्म की वजह से बाहर निकलना छोड़ दिया। बिल आख़िर सूरए मुनाफिकून नाज़िल हुई जिस से हज़रते ज़ैद रदिअल्लाहो तआला अन्हो की सच्चाई और अब्दुल्लाह बिन उबय्य की जूटी कसमो का राज़ खुल गया।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 148
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Sunday 24 June 2018
*बेटे की तलवार बाप का सर* : # 2
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