بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*यूसीफ عليه السلام के बरी होने पर गवाही*
आपने कहा इसने मुझे अपनी तरफ मिलान करना चाहा। औरत के घर वालो में से एक गवाह ने गवाही दी कि अगर इनकी क़मीज़ आगे से फ़टी है तो औरत सच्ची और अगर क़मीज़ पीछे से फ़टी है तो औरत झूटी ओर ये सच्चे। जब अज़ीज़े मिस्र ने आपकी क़मीज़ पीछे से फ़टी हुई देखी तो उसने कहा बेशक यह तुम औरत का मकर है बेशक तुम्हारा मकर बड़ा है, ऐ यूसुफ तुम इसका गम न करो और ऐ औरत अपने गुनाहों की माफी मांग बेशक तू खतावारों में से है।
गवाही देने वाला उस औरत का रिश्तेदार का लड़का था जो अभी शिर ख्वार था उसकी उम्र 3 माह थी, अल्लाह ने उसे बोलने की ताक़त दी उससे गवाही दिलाकर युसूफ عليه السلام की पाकदामनी को साबित करने के लिये काफी था लेकिन अल्लाह ने उससे ऐसा हकीमाना जवाब दिलाया जो बहुत बड़ी क़वी दलील भी बन गया।
*✍तज़किरतुल अम्बिया* 136
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाये यक़ीन के.. अल्लाह सबसे बड़ा है..अल्लाह देख रहा है..
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Friday 29 June 2018
*तज़किरतुल अम्बिया* #175
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