दिल की दुन्या बदल गई #03
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
उसने अपनी कनीज़ से कहा: जा मेने तुझे अल्लाह की खातिर आज़ाद किया। फिर उसने अपने सामने रखे हुए शराब के सारे बर्तन समन्दर में उंडेल दिये। सारंगी वगैरा सब तोड़ डाले, वो बड़े मोअद्दबाना अंदाज़ में मेरे क़रीब आया और मुझे सीने से लगा कर हिचकियाँ ले ले कर रोने लगा और पूछने लगा: ऐ मेरे भाई! में बहुत गुनाहगार हूँ, में ने सारी ज़िन्दगी गुनाहों में गुज़ार दी अगर में अब तौबा करूँ तो क्या अल्लाह मेरी तौबा क़बूल फरमा लेगा?
मेने उसे बड़ी महब्बत दी और कहा: बेशक अल्लाह तौबा करने वालो को और पाकीज़गी हासिल करने वालो को बहुत पसन्द फ़रमाता है, वो तो तौबा करने वालों से बहुत खुश होता है, अल्लाह की बारगाह से कोई मायूस नहीं लौटता, तुम उससे तौबा करो वो ज़रूर क़बूल फ़रमाएगा।
चुनान्चे उस शख्स ने मेरे सामने अपने तमाम साबिक़ा गुनाहों से तौबा की और खूब रो रो कर मुआफ़ी मांगता रहा। फिर हम बसरा पहुंचे और दोनों ने अल्लाह की रिज़ा की खातिर दोस्ती करली। 40 साल तक हम भाइयों की तरह रहे, 40 साल बाद उस मर्दे सालेह का इन्तक़ाल हो गया।
मुझे बहुत गम हुआ, फिर मेने एक रात उसे ख्वाब में देखा तो पूछा: ऐ मेरे भाई दुन्या से जाने के बाद तुम्हारा क्या हुआ? उसने कहा: मुझे मेरे रब ने जन्नत में भेज दिया। मेने पूछा: जन्नत किस अमल की वजह से मिली? जवाब दिया: जब तुमने मुझे ये आयत सुनाई "और जब नामए आमाल खोले जाएं" तो इस आयत की वजह से मेरी ज़िन्दगी में इन्क़लाब आया था। इसी वजह से मेरी मगफिरत हो गई और मुझे जन्नत अता करदी गई।
मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो! देखा अपने कि किस तरह एक नेक शख्स की तफ़ाक़त गुनाहों के दिलदादह शख्स को बुराइयों के गढ़े से बाहर निकाल लाइ और यूँ वो अपनी गुनाहों से तौबा कर के नेकी के रास्ते पर चलने लगा, वो समझ गया था की अब मेरी नजात इसी नेक शख्स की सोहबत और हम नशिनी में है। चुनान्चे उस ने उसी शख्स से अल्लाह की रिज़ा के लिये दोस्ती कर ली ताकि इस की बरकत से बाक़ी ज़िन्दगी गुनाहों की नुहुसत से महफूज़ रहे। बिल आखिर ये शख्स औने मक़सद में कामयाब हुवा और गुनाहों से बचते हुवे सलामतीये ईमान के साथ आलमे जावेदानी की तरफ कूच कर गया।
*✍🏻अच्छे माहोल की बरकतें* 5
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Sunday 4 March 2018
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