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Monday 5 March 2018

ताज़िमे इरशादे रसूलﷺ

ताज़िमे इरशादे रसूलﷺ
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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْم
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

       हज़रते राफ़ेअ रदिअल्लाहो तआला अन्हो कहते हैं एक मरतबा हम लोग एक सफ़र में हुज़ूर ﷺ के हम रिकाब थे और हमारे ऊंटों पर चादरें पड़ी हुई थीं जिन में सुर्ख डोरे थे। हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया कि मैं देखता हूं कि येह सुर्खी तुम पर गालिब होती जाती है।
       हुज़ूर ﷺ का यह इर्शाद फ़रमाना था कि हम लोग एक दम ऐसे घबरा के उठे कि हमारे भागने से ऊंट भी इधर उधर भागने लगे और हम ने फौरन सब चादरें ऊंटों से उतार लीं।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 62
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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