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Monday 4 June 2018

*हज़रते उमर रदिअल्लाहो तआला अन्हो के बहनोई और बहन:*  #45
  بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْم
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     इसके बाद उमर की नज़र उस सहिफ़े पर पड़ी जो जल्दी में बाहर रह गया था और गुस्से का जोश भी इस मार पीट से कम हो गया था और बहन के इस तरह खून में भर जाने से शर्म सी आ  रही थी, कहने लगे अच्छा मुझे दिखलाओ येह क्या है? बहन ने कहा कि तू नापाक है और इस को नापाक हाथ नहीं लगा सकते। हर चन्द कोशिश की मगर वोह ब्ब वुजू और बे ग़ुस्ल के देने को तैयार न हुई।
     उमर ने  ग़ुस्ल किया और उस को ले कर पढा, उस पर सूरए ताहा लिखी हुई थी। उसको पढ़ना शुरुअ किया और,,, और हालत ही बदल गई। कहने लगे अच्छा मुझे भी मुहम्मद ﷺ के पास ले चलो।
    यह अल्फ़ाज़ सुन कर हज़रते खब्बाब रदिअल्लाहो तआला अन्हो भी अंदर से निकले और कहा कि ए उमर! तुम्हें खुशखबरी देता हूं कि कल शबे बुध हुज़ूरे ﷺ अक़दस  ने दुआ मांगी थी कि या अल्लाह उमर या अबू जहल में जो तुजे ज़ियादा पसन्द हो उस से इस्लाम को कुव्वत अता फ़रमा (चूंकि येह दोनों कुव्वत में मश्हूर थे) मा'लूम होता हैं कि हुजूर ﷺ की दुआ तुम्हारे हक में कुबूल हो गई। इस के बाद हुज़ूर ﷺ की ख़िदमत में हाज़िर हुवे और जुमुआ की सुबह मुसलमान हुवे।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 117
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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