Pages

Wednesday 24 August 2016

क़ब्र में आनेवाला दोस्त

*क़ब्र को जहन्नम का गढ़ा बनाने वाले आमाल* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_गीबत_*
     हज़रते अबी बक़रह फरमाते है के में नबी के साथ चल रहा था और आप ने मेरा हाथ थामा हुवा था। एक आदमी आप के बाई तरफ था। इसी दौरान हमने अपने सामने दो क़ब्रे पाई तो हुज़ूर ने फ़रमाया : इन दोनों को अज़ाब हो रहा है और किसी बड़े अम्र की वजह से नही हो रहा, तुम में से कौन है जो मुझे एक टहनी ला दे। हमने एक दूसरे से आगे बढ़ने की कोशिश की तो में सबक़त ले गया और एक टहनी ले कर हाज़िरे खिदमत हो गया। आप ने उसके दो टुकड़े कर दिये और दोनों क़ब्रो पर एक एक टुकड़ा रख दिया फिर फ़रमाया : ये जब तक तर रहेंगे इन पर अज़ाब में कमी रहेगी और इन दोनों को गीबत और पेशाब की वजह से अज़ाब हो रहा है।

*_गीबत किसे कहते है_*
     हज़रते मुफ़्ती मुहम्मद अमजद अली आज़मी अलैरहमा ने गीबत की तारीफ़ इस तरह बयान की है : किसी शख्स के पोशीदा ऐब को उसकी बुराई करने के तौर पर ज़िक्र करना।
*✍🏽बहारे शरीअत, 16/175*
*✍🏽क़ब्र में आनेवाला दोस्त, 37*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment