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Sunday 21 August 2016

फुतूहल ग़ैब

*अवामिर की ताअमिल(एहकाम) और नवाहीसे इजतिनाब (परहेज):*
(हिस्सा 5)

*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*  
   
      हुजूर ﷺ ने एक हदीसे पाक में फ़रमाया: "नारे जहन्नम मोमिनसे मुखातिब होगी के, अय साहेबे ईमान जल्दी से गुजर जा, क्यों के तेरा नूर मेरे शोआलों को बुजा रहा है।"
     मोमिनका नूर जिससे जहन्नमके शोअले सर्द होते है, क्या वही नहीं जो दुनिया में इसके साथ था। यही है, यही नूर दुनिया के मसाइब्-व-मुश्किलात की आग को ठंडा कर सकता है। इस नूर की मईय्यत (साथ) में तुम्हें लाज़मन अपने सब्र और खालिककी रज़ाजुइकी ठंडक नसीब होगी और बलाओं की हिद्द्त (ज़ोर-जोश) मुकम्मिल तौर पर खत्म हो जाएगी, मसाइल बन्दे को खुदाके कुर्ब की नेअमतोसे नवाजते है।

बाक़ी कल की पोस्ट में... इंसा अल्लाह
*✍🏽फुतूहल ग़ैब*  पेज 29,30
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खादिमे दिने नबी ﷺ
 *फ़ैयाज़ सैय्यिद*
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