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Thursday 18 August 2016

फुतूह अल ग़ैब

*अवामिर की ताअमिल(एहकाम) और नवाहीसे इजतिनाब (परहेज):*
(हिस्सा 2)

*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

      दुआ करना के ये बला जल्द दफाअ हो। या सब्र करना या खुदा की मरजिका बहाना करना कुछ फायदा न देगा। मुसीबत आकर रहेगी चुनांचे फाइले हकीकी (खुदा तआला) के फेे सामने सरे तस्लीम ख़म करने ही में आफ़ियत है।
      अगर उसकी तरफसे नेअमत मिली है तो शुक्र करो, अगर मुसीबत और बला आई है तो सब्र का दामन थाम लो। सब्र खुदा की रज़ा के लिए होतो बेहतर है, वरना तकल्लुफ़से सब्र का दामन लो।
बाक़ी कल की पोस्ट में... इंसा अल्लाह

*✍🏽फुतूहल ग़ैब*  पेज 29
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खादिमे दिने नबी ﷺ
 *फ़ैयाज़ सैय्यिद*
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