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Saturday 6 August 2016

तफ़सीरे अशरफी


हिस्सा-58
*_सूरए बक़रह, पारह 01_*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*आयत ⑤⑦, तर्जुमह*
और साएबान किया हमने तुम पर सब्रको, और उतारा तुम पर मन्न और स्लवाको, के खाओ पाकीज़ा चीज़ों से, जो दिया हमने तुम्हे। और उन्होंने नही अंधेर में डाला हमको, लेकिन वो लोग खुद अपने को अंदर में डालते थे।

*तफ़सीर*
     और मिस्र से दोबारा निकल ने, दरिया से पार होने पर ये वाक़या का हिस्सा भी खास है के जब तुम लोग अय यहूदियो ! एक चटयल गरम मैदान में पहोंचे, जहां न कोई छाव था, न कुछ खाने को था। तुम इस सफर से युही गभराये हुए थे और मिस्र की जुदाई का दुःख रखते थे के फिरौनियो के बाद उस पर मुफ्तका कब्ज़ा कर चुके थे और चेन कर रहे थे।
     चुनांचे क़दम क़दम पर हज़रते मूसा से ऐसे सवालात करते तगेके किसी तरह ये सफर मुल्तवी हो जाए। इस अज़ाबि गरम चटयल मैदान को पाकर तुमको मौक़ा मिला के वापसी के लिये बहाना करो, के न यहाँ साया है, न कुछ खाने को है।
     चुनांचे तुमने ये केह भी डाला। और तुम्हारे उज़्र को खत्म करने के लिये हज़रते मूसा की दुआए छत की तरह मेहरबान किया हमने तुम लोगो के बाप दादाओ पर सुफेद रंग के बादल को। यु धुप से पनाह दी। और तुम्हारे खाने को कुछ न था, तो उतारा तुम लोगो के बाप दादाओ पर बे-मशक्कत की ग़िज़ा मन्न (तुरंजबिनि शिर्के की तरह एक चीज़, एक तरह की कुदरती शकर) और बटेर वगैरा की तरह सल्वा को इस हुक्म के साथ के खाओ और बस खाओ पाकीज़ा चीज़ों मन्न व सल्वा जो दिया हमने तुम्हे। और खाने के सिवा कुछ बचा कर न रखो। रोज़ जो मिले, खा जाया करो।
     हा ! सनीचर के दिन तुमको कुछ न मिलेगा। मगर जुमुआ को इतना मिलेगा के सनीचर के लिये रख दोगे, तो तुम्हारा काम चल जाएगा। और किसी दिन भी दूसरे दिन के लिये मत रखना।
     मगर अय यहूदियो ! तुमसे इस बारे में भी सब्र न हो सका और रोज़ाना जमा करना शुरू कर दिया, जो दूसरे दिन सड़ जाता था। और खाने के सड़ने की शुरुआत इन्ही सड़े हुए लोगो से हुई।
     बिल आखिर मन्न व सल्वा की नेअमते बगैर मेहनत की नेअमत से महरूम हो गए। कितनी बड़ी बात अंधेर की उनसे हुई। लेकिन हमारा क्या बिगड़ा। और सच ये है के उन्होंने इस हरकत से अंधेर में नही डाला हमको और वो हमें क्या नुकसान पहुचा सकते है ? लेकिन  हा ! वो लोग खुद अपने को अपने करतूत से अंधेर में डालते थे और खुद अपनी बनिको बिगाड़ ते थे।
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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