*क़ुरबानी के मसाइल*
*_अपनी क़ुरबानी की खाल बेच दी तो ?_*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
सुवाल :
किसी ने अपनी क़ुरबानी की खाल बेच कर रक़म हासिल कर ली अब वो मस्जिद में दे सकता है या नही ?
जवाब :
यहाँ निय्यत का एतिबार है। अगर अपनी क़ुरबानी की खाल अपनी ज़ात के लिये रक़म के एवज़ बेची तो यु बेचना भी नाजाइज़ है और ये रक़म इस शख्स के हक़ में माले खबीस है और इस का सदक़ा करना वाजिब है लिहाज़ा किसी शरई फ़क़ीर को दे दे। और तौबा भी करे।
और अगर किसी कारे खैर के लिये मसलन मस्जिद में देने ही की निय्यत से बेचीं तो बेचना भी जाइज़ है और अब मस्जिद में देने में कोई हर्ज नही।
*✍🏽अब्लाक़ घोड़े सुवार, 28*
___________________________________
खादिमे दिने नबी ﷺ, *मुहम्मद मोईन*
📮Posted by:-
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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📲+91 955 802 9197
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किसी ने अपनी क़ुरबानी की खाल बेच कर रक़म हासिल कर ली अब वो मस्जिद में दे सकता है या नही ?
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यहाँ निय्यत का एतिबार है। अगर अपनी क़ुरबानी की खाल अपनी ज़ात के लिये रक़म के एवज़ बेची तो यु बेचना भी नाजाइज़ है और ये रक़म इस शख्स के हक़ में माले खबीस है और इस का सदक़ा करना वाजिब है लिहाज़ा किसी शरई फ़क़ीर को दे दे। और तौबा भी करे।
और अगर किसी कारे खैर के लिये मसलन मस्जिद में देने ही की निय्यत से बेचीं तो बेचना भी जाइज़ है और अब मस्जिद में देने में कोई हर्ज नही।
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