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Wednesday 17 August 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*_सी. 4 हि. के मुतफ़र्रिक़ वाक़ीआत_* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     इसी साल गज़्वाए बनू नज़ीर के बाद जब अन्सार ने कहा कि या रसूलल्लाहﷺ ! बनू नज़ीर के जो अमवाल गनीमत में मिले है वो सब आप हमारे मुहाजिर भाइयो को दे दीजिये हम इस में से किसी चीज़ के तलब गार नही है, तो हुज़ूरﷺ ने खुश हो कर ये दुआ फ़रमाई :
*ऐ अल्लाह ! अन्सार पर, और अन्सार के बेटो पर और अन्सार के बेटो के बेटो पर रहम फरमा*
     इसी साल हुज़ूरﷺ के नवासे हज़रते अब्दुल्लाह बिन उष्मान गनी की आँख में एक मुर्ग ने चोच मार दी जिस के सदमे से वो दो रात तड़प कर वफ़ात पा गए।
     इसी साल हुज़ूरﷺ की ज़ौजए मुतह्हरा हज़रते बीबी ज़ैनब बिन्ते खुज़ैमرضي الله تعالي عنها की वफ़ात हुई।
     इसी साल हुज़ूरﷺ ने हज़रते उम्मुल मुअमिनिन बीबी उम्मे सलमहرضي الله تعالي عنها से निकाह फ़रमाया।

बाक़ी अगली पोस्ट में.. انشاء الله
*✍🏽सिरते मुस्तफा, 302*
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