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Wednesday 26 April 2017

*वुज़ु और साइन्स* #01/18
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_वुज़ु की हिकमते सुनने के सबब कबूले इस्लाम_*
     एक साहिब का बयान है : मेने मेल्जियम में यूनिवर्सिटी के एक गैर मुस्लिम स्टूडंट को इस्लाम की दा'वत दी। उसने सुवाल किया : वुज़ु में क्या क्या साइन्सि हिकमते है ? में ला जवाब हो गया।

     उसको एक आलिम के पास ले गया लेकिन उनको भी इसकी मालूमात न थी। यहाँ तक की साइन्सि मालूमात रखने वाले एक शख्स ने उसको वुज़ु की काफी खुबिया बताई मगर गर्दन के मसह की हिक्मत बताने से वो भी क़ासिर रहा।

     वो गैर मुस्लिम नौजवान चला गया। कुछ अरसे के बाद आया और कहने लगा : हमारे प्रोफेसर ने दौराने लेक्चर बताया : अगर गर्दन की पुशत और अतराफ़ पर रोज़ाना पानी के चन्द कतरे लगा दिये जाए तो रीढ़ की हड्डी और हराम मगज की खराबी से पैदा होने वाले अमराज़ से तहफ्फुज हो जाता है। ये सुन कर वुज़ु में गर्दन के मसह की हक़ीक़त मेरी समज में आ गई लिहाज़ा में मुसलमान होना चाहता हु और वो मुसलमान हो गया।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, शफा 58-59*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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