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Thursday 27 April 2017

*घर में आने जाने की सुन्नते और आदाब* #03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ**بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*जब कोई खुश नसीब अपने घर से बाहर जाते वक़्त बाहर जाने की दुआ पढ़ लेता है तो वो घर लौटने तक हर बला व आफत से महफूज़ हो जाता है*
     सरकारे मदीना صلى الله عليه وسلم की सुन्नतो पर अमल करने में बरकत ही बरकत है। हज़रते अबू हुरैरह رضي الله عنه से रिवायत है कि हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने फ़रमाया : आदमी अपने घर के दरवाज़े से बाहर निकलता है तो उसके साथ 2 फ़रिश्ते मुक़र्रर होते है। जब वो आदमी कहता है कि *بِـسْمِ اللّٰه* तो वो फ़रिश्ते कहते है तूने सीधी राह इख़्तियार की। और जब इंसान कहता है, *لٙا حٙوْلٙ وٙلٙا قُوّٙةٙ اِلّٙا بِااللّٰهِ* तो फ़रिश्ते कहते है अब तू हर आफत से महफूज़ है। जब बन्दा कहता है, *تٙوٙ كّٙلْتُ عٙلٙى اللّٰهِ* तो फ़रिश्ते कहते है अब तुझे किसी और की मदद की हाजत नही, इस के बाद उस शख्स के दो शैतान जो उस पर मुसल्लत है वो उससे मिलते है, फ़रिश्ते कहते है अब तुम  इसके साथ क्या करना चाहते हो? इसने तो सीधा रास्ता इख़्तियार किया। तमाम आफतों से महफूज़ हो गया और खुदा की इमदाद के इलावा दूसरे की इमदाद से बे नियाज़ हो गया।
*✍🏽सुनने इब्ने माजह, 4/292, हदिष:3886*
*✍🏽सुन्नते और आदाब, 36*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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