*रजब की बहारे* #13
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*रजब के ख़ास दिन और राते* #03
मीठे और प्यारे इस्लामी भइयो ! देखा आपने कि हम जेसे गुनाहगारो के लिए रजबुल मुरज्जब की 27वी तारीख अल्लाह का अता करदा कैसा अज़ीमुश्शान तोहफा है कि जो शख्स इखलास के साथ इस का रोज़ा रखे, उस के दस साल के गुनाह मुआफ़ हो जाते है निज जिस खुश नसीब को इस रात में नवाफ़िल पढने और इबादत करने की सआदत हासिल हो जाए, उसे 100 साल के रोज़ो के बराबर षवाब अता किया जाता है. अगर हम भी 27वी शब् इबादत में गुज़ारे और दिन का रोज़ा रखे तो अल्लाह की रहमत से क़वी उम्मीद है कि ये तमाम फ़ज़ाइल हमे भी हासिल हो सकते है.
मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! सांसो का कोई भरोसा नही, न जाने कब ये सांसे रुक जाए और इस के साथ साथ हमारे आमाल का सिलसिला मौक़ूफ़ हो जाए. लिहाज़ा नेकियों का कोई मौक़ा हाथ से न जाने दे, अगर अल्लाह के फ़ज़लो करम से ज़िन्दगी में एक बार फिर रजब का मुबारक महीना नसीब हुवा तो हमे चाहिये कि इसे अपनी खुश किस्मती समझते हुवे सिर्फ पहली और सत्ताइसवी का रोज़ा रखने के बजाए जितना बन पड़े, इस माह के अक्सर अय्याम रोज़े के साथ गुज़ार दे, क्या खबर यही हमारी ज़िन्दगी का आखिरी रजब हो.
*✍🏽रजब की बहारे, स. 12-13*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! सांसो का कोई भरोसा नही, न जाने कब ये सांसे रुक जाए और इस के साथ साथ हमारे आमाल का सिलसिला मौक़ूफ़ हो जाए. लिहाज़ा नेकियों का कोई मौक़ा हाथ से न जाने दे, अगर अल्लाह के फ़ज़लो करम से ज़िन्दगी में एक बार फिर रजब का मुबारक महीना नसीब हुवा तो हमे चाहिये कि इसे अपनी खुश किस्मती समझते हुवे सिर्फ पहली और सत्ताइसवी का रोज़ा रखने के बजाए जितना बन पड़े, इस माह के अक्सर अय्याम रोज़े के साथ गुज़ार दे, क्या खबर यही हमारी ज़िन्दगी का आखिरी रजब हो.
*✍🏽रजब की बहारे, स. 12-13*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
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