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Wednesday 5 April 2017

*रजब की बहारे* #06
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_रजब अल्लाह का महीना है_*
     हज़रते अनस رضي الله تعالي عنه से मरवी है की हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : अल्लाह के पसंदीदा महीनो में रजब का महीना है, ये अल्लाह का महीना है। जिसने अल्लाह के महीने रजबुल मुरज्जब की ताज़ीम की , उसने अल्लाह के हुक्म की ताज़ीम की।
     और जिसने खुदा के हुक्म की ताज़ीम की अल्लाह उस को नेमतों वाले बागात में दाखिल करेगा और उस के लिये अपनी बड़ी रिज़ा वाजिब करेगा।
*✍🏽शोएबुल ईमान, 3/374 हदिष:3813*

     मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! यक़ीनन इस हदीशे पाक से माहे रजबुल मुरज्जब को जबरदस्त शानो अज़मत का पता चलता है और इस तरह कि यू तो तमाम ही महीने अल्लाह عزوجل के है और सब को उसी ने पैदा फरमाया है, लेकिन खुसुसिय्यत के साथ रजब के बारे में फ़रमाया गया कि रजबुल मुरज्जब अल्लाह عزوجل का महीना है।
     नीज़ हदीशे पाक में ये भी बयान किया गया है कि जिस ने इस महीने की ताज़ीम की, अल्लाह عزوجل उसे नेमतों वाले बागात अता फ़रमाएगा और उस से राज़ी हो जाएगा।
     यक़ीनन हम में से हर एक की ख्वाहिश है कि अल्लाह عزوجل हम से राज़ी रहे और हर कोई ये चाहता है कि वो अज़ाबे जहन्नम से नजात पा कर जन्नत में चला जाए।
तो इस ख्वाहिश की तकमील के अस्बाब में से एक सबब माहे रजब की ताज़ीम करना भी है। हमे चाहिये कि इस महीने की ताज़ीम करे, इस तरह कि इसे इबादत व रियाज़त में गुज़ारे और इस में अपने आप को गुनाहो से बचाए और नेकियों की खूब कसरत कर के इस महीने में इबादत के बिज बोन की कोशिश करे।
     मगर अफ़सोस ! लोगो की एक क़ासिर तादाद ईएसआई भी है जिसे इस माहे मुक़द्दस की अज़मत की कोई परवा नहीं होती। इस मुबारक महीने में इबादत व रियाज़त करना तो दर किनार, उन्हें तो ये भी मालुम नहीं होता कि ये माहे मुबारक कब आया और कब गया, उन्हें अंदाजा ही नहीं कि ये भी कोई क़ाबिले एहतिराम महीना है, यही वजह है की वो लोग अपनी ज़िन्दगी के दीगर अय्याम की तरह इस मुबारक महीने को भी गफलत और सुस्ती में गुज़ार देते है और शायद इस की एक अहम वजह ये भी है कि उमुमन लोगो का ऐसा अच्छा माहोल मयस्सर ही नहीं होता कि जहा गुनाहो से बचने के साथ नेकिया करने और इन मुबारक महीनो के इस्तिक़बाल और इन की ताज़ीम करने का जेहन दिया जाता है।
*✍🏽रजब की बहारे, सफा 6-7*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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