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Thursday 6 April 2017

*रजब की बहारे* #07
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_अहादिसे मुबारका और रजब के फ़ज़ाइल_*
     मीठे और प्यारे इस्लिमी भाइयो ! प्यारे आक़ा ﷺ ने एक बार साहबए किराम से इरशाद फ़रमाया : तुम पर लाज़िम है कि माहे रजब की राते क़याम में गुज़रो और इस के दिन रोज़े की हालत में गुज़रो। और जो शख्स इस महीने के किसी दिन में 50 रकअत नमाज़ पढ़े, इस तर कि हर रकअत में ब क़दर इस्तिताअत क़ुरआने पाक की तिलावत करे, तो अल्लाह عزوجل उस शख्स को उस के बालो और रुओ की तादाद के बराबर नेकिया आता फरमाएगा।
     एक बार प्यारे आक़ा ﷺ ने रजब के महीने में जुमुआ का ख़ुत्बा देते हुवे इरशाद फ़रमाया : ऐ लोगो ! बेशक तुम पर एक अज़ीम महीना साया फ़िगन है, इस महीने में नेकियों का अज्र दुगना दिया जाता है, इस में दुआए क़बूल होती है, इस में मुश्किलात हल होती है, और इस महीने में मोमिन की दुआ रद्द नही होती, पस जो शख्स इस महीने में कोई भलाई का काम करे तो उस को कई गुना अज्र दिया जाता है।
*✍🏽रजब की बहरे, सफा 8*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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