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Wednesday 27 July 2016

40 फरमाने मुस्तफा

*रहमतो की बरसात*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हुज़ूर ﷺ का फरमाने रहमत निशान है : मुझ पर दुरुद शरीफ पढ़ो, अल्लाह عزوجل तुम पर रहमत भेजेगा।
   
     मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! सलात के मान है रहमत या तलबे रहमत। जब इसका फ़ाइल (करने वाला) रब عزوجل हो तो रहमत होती है और फ़ाइल जब बन्दे हो तो तलबे रहमत।

     इस्लाम में एक नेकी का बदला कम अज़ कम दस गुना है। ख्याल रहे की बन्दा अपनी हैसिय्य्त के लाइक दुरुद शरीफ पढता है मगर रब तआला अपनी शान के लाइक उस पर रहमते उतारता है। जो बन्दे के ख्याल व गुमान से बुलंद है।
*मीरअतुल मनाजिह, 2/97-98*
*40 फरमाने मुस्तफा, 8-9*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*​
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