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Saturday 16 July 2016

नमाज़ के अहकाम

*नमाज़े जनाज़ा का तरीका*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     मुक्तदि इस तरह निय्यत करे : में निय्यत करता हु इस जनाज़े की नमाज़ की वासिते अल्लाह के, दुआ इस मय्यित के लिये, पीछे इस इमाम के,
     अब इमाम व मुक़्तदि पहले कानो तक हाथ उठाए और "अल्लाहु अकबर" कहते हुए फौरन हस्बे मामूल नाफ के निचे बांध ले और सना पढ़े। इसमें وَتَعَالٰى جَدُّكَ के बाद
 وَجَلَّ ثَنَآءُكَ وَلَااِلٰهَ غَيْرُك पढ़े,
     फिर बगैर हाथ उठाए " अल्लाहु अकबर" कहे और "दुरुद इब्राहिम" पढ़े,
     फिर बगैर हाथ उठाए " अल्लाहु अकबर" कहे दुआ पढ़े
     दुआ के बाद फिर "अल्लाहु अकबर" कहे और हाथ लटका दे फिर दोनों तरफ सलाम फेर दे।
     सलाम में मय्यित और फरिश्तों और हाज़िरीने नमाज़ की निय्यत करे, उसी तरह जेसे और नमाज़ों के सलाम में निय्यत की जाती है,
     यानी इतनी बाद ज्यादा है कि मय्यित की भी निय्यत करे।
*✍🏽बहारे शरीअत 1/829*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम 273*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*​
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