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Sunday 31 July 2016

अब्लाक़ घोड़े सुवार

*क़ुरबानी का तरीका*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     चाहे क़ुरबानी हो या वेसे ही ज़बह करना हो सुन्नत ये चली आ रही है कि ज़बह करने वाला और जानवर दोनों कीब्ला रु हो, हमारे अलाके (यानी हिन्द व पाक) में कीब्ला मगरिब (west) में है, इस लिये जानवर का सर जुनुब (south) की तरफ होना चाहिये ताकि जानवर बाए यानी उलटे पहलू लेटा हो, और उस की पीठ मशरिक (east) की तरफ हो ताकि उसका मुह किबले की तरफ हो जाए, और ज़बह करने वाला अपना दाया (सीधा) पाउ जानवर की गर्दन के दाए (सीधे) हिस्से (यानि गर्दन के क़रीब पहलू) पर रखे और ज़बह करे और खुद अपना या जानवर का मुह किबले की तरफ करना तर्क किया तो मकरूह है।
*✍🏽फतावा रज़विय्या, 20/216*
*✍🏽अब्लाक़ घोड़े सुवर, 13*
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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