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Saturday 30 July 2016

अब्लाक़ घोड़े सुवार

*ज़बह में कितनी रगे कटनी चाहिए?*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हज़रते अल्लामा मौलाना मुफ़्ती अमजद अली आज़मी अलैरहमा फरमाते है : जो रगे ज़बह में काटी जाती है वो 4 है। हुल्कूम ये वो है जिसमे सास आती जाती है, मुरी इस से खाना पीना उतरता है इन दोनों के अगल बगल और दो रगे है जिन में खून की रवानी है इन को वदजैन कहते है। ज़बह की 4 रगो में से तिन का कट जाना काफी है यानी इस सूरत में भी जानवर हलाल हो जाएगा की अक्सर के लिये वही हुक्म है जो कुल के लिये है और अगर चारो में से हर एक का अक्सर हिस्सा कट जाएगा जब भी हलाल हो जाएगा और अगर आधी आधी हर रग कट गई और आधी बाक़ी है तो हलाल नही।
*✍🏽बहारे शरीअत, 3/312*
*✍🏽अब्लाक़ घोड़े सुवार, 12*
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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