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Sunday 17 July 2016

फुतूह अल ग़ैब

औलियाअ अल्लाह कौन हैं?  cont…
 (फुतूहल गैब)

*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

    दस्ते कुदरत तुम्हरा मुआविन होगा। ज़ुबाने अज़ल तुम्हें निदा देगी। तुम्हरा परवरदिगार तुम्हें इल्म सिखाएगा। तुम्हे अश्याकी माहियतसे रूशनास कराके लिबासे माअरिफतसे नवाज़ा जाएगा। और यूं तुम्हें सलफे सालेहीन और आरेफीने कामीलके मुकाम तक रसाइ होगी। फिर तुम्हारे दिलमें ख्वाहिशें और इरादे न ठहरेंगे। जिस तरह शिकस्ता बरतनमें पानी वगैरह नहिं ठहेरता। फिर तुम बशरियतकी कशाफतसे पाक हो जाओगे और दिलमें खुदाके इरादे के बगैर कोइ शैअ नहिं आएगी। ये वो मुकाम है जिसमें करामत व तसरफातकी नेअमतसे नवाज़ा जाता है। बजाहिर लोग ये खर्क आदात तुममें पाएंगे मगर हकीकतन ये खुदा तआलाके एहकाम व अफआल होंगे। यूं तुम उन
औलिया-अल्लाह की सफमें शामिल हो जाओगे। जिनमें ख्वाहिशाते नफ्शानी और इरादा ए बसरी अन्का हो जाते है। (नायाब चीज) और अज़सरे नौव उनमें इरादाए खुदावन्दी पैदा किया जाता है।
   जैसा के सरकारे दो आलम ﷺ ने फरमाया, तीन चीज़ें मेरे लिये पसंद की गई है। खूश्बू, औरत और नमाज़में आंखोंकी ठंडक। ख्वाहिशातसे मावरा (इसके अलावा) होनेके बाद ये चीज़ें हुज़ूरसे मनसूब की गई।
*अल्लाह करीमने फरमाया: मैं उनके पास हुं जिनके दिल मेरी वजहसे ख्वाहिशातके गुलाम नहीं है।* चुनान्चे तुम्हारी ख्वाहिशात और इरादे रज़ाए इलाहीके हुसूलकी तमन्नामें दम तोड दें तो तुम्हें खुदाका कुर्ब नसीब न होगा। लेकिन अपने इरदोंको उसके इरादोंमें फना कर देने के बाद वो तुम्हें नइ बातिनी खुसूसियात के साथ अज़ सरे नौव तखलीक करेगा और तुज़में नये इरादे पैदा करेग। अगर इन नये इरादोंमें भी नफ्सका थोडा बहोत दखल पाया गया तो फिर उसे तोडकर नये इरादे पैदा किये जाएंगे।

बाक़ी कल की पोस्ट में... इंसा अल्लाह
                                                                                                                                                                  ✍🏽फुतूहल ग़ैब  पेज 11,12
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