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Wednesday 27 July 2016

अब्लाक़ घोड़े सुवार

*क़ुरबानी के मदनी फूल*
हिस्सा-01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     बाज़ लोग पुरे घर की तरफ से सिर्फ एक बकरा क़ुरबान करते है हाला की बाज़ अवक़ात घर के कई अफ़राद साहिबे निसाब होते है और इस बिना पर उन सारो पर क़ुरबानी वाजिब होती है उन सब की तरफ से अलग अलग क़ुरबानी की जाए। एक बकरा जो सब की तरफ किया गया किसी का भी वाजिब अदा न हुवा की बकरे में एक से ज़्यादा हिस्से नही हो सकते किसी एक तै शुदा फर्द ही की तरफ से बकरा क़ुरबान हो सकता है।
     गाय (भेस) और ऊंट में 7 कुर्बानिया हो सकती है।
*✍🏽आलमगिरी 5/304*

     ना बालिग़ की तरफ से अगर्चे वाजिब नही मगर कर देना बेहतर है (और इजाज़त भी ज़रूरी नही)। बालिग़ औलाद या ज़ौजा की तरफ से क़ुरबानी करना चाहे तो उन से इजाज़त तलब करे अगर उनसे इजाज़त लिए बगर कर दी तो उनकी तरफ से वाजिब अदा नही होगा।
*✍🏽आलमगिरी 5/293*
*✍🏽बहारे शरीअत 3/428*
*✍🏽अब्लाक़ घोड़े सुवार 9*
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