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Sunday 24 July 2016

मुर्दे की बेबसी

*चार बे बुनयादी दावे*
हीस्सा-01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हज़रते शक़ीक़ बल्कि अलैरहमा फरमाते है : लोग चार चीज़ों माँ दावा करते है मगर उनका अमल उन के दावे के खिलाफ है,
(1) उनका ज़बानी क़ौल तो ये है कि हम अल्लाह के बन्दे है मगर उन के अमल आज़ादो जैसे है।
(2) कहते है कि अल्लाह तआला ही हमारी रोज़ी का कफ़ील है मगर वो बहुत कुछ मालो दौलत जमा कर लेने के बाद भी मुतमइन नही होते।
(3) कहते है कि दुन्या से आख़िरत बेहतर है मगर वो सिर्फ दुन्या ही की बेहतरी के लिये कोशा है।
(4) कहा करते है कि हमे एक दिन ज़रूर मरना पड़ेगा मगर ज़िन्दगी का अंदाज़ ऐसा है कि गोया कभी मारना ही नही।
*✍🏽उयुनुल हिकायत 70*

इन चारो की तफ़सीर इन्शा अल्लाह अगली पोस्ट में....
*✍🏽मुर्दे की बेबसी 9*
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