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Saturday, 30 July 2016

मदनी पंजसुरह

*सूरए वाक़ीअह के फ़ज़ाइल*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     ये सूरत बहुत ही बा बरकत है, हज़रते अनसرضي الله تعالي عنه से रिवायत है कि रसूलल्लाहﷺ ने फ़रमाया : सूरए वाक़ीअह तवंगरि (यानी खशहालि) की सूरत है लिहाज़ा इसे पढ़ो और अपनी औलाद को सिखाओ।
*✍🏽रुहुल बयान 7/183*

     हज़रते इब्ने मसऊदرضي الله تعالي عنه मरजुल मौत में मुब्तला थे हज़रते उष्मानرضي الله تعالي عنه उनकी इयादत के लिये तशरीफ़ ले गए और उन से फरमाने लगे की अगर में तुम्हे खज़ाने से कुछ अता कर दू तो केसा है ? उन्होंने फ़रमाया : मुझे इस की कोई ज़रूरत नही। हज़रते उष्मान ने फ़रमाया : बाद में तुम्हारी बच्चियो के काम आएगा। इब्ने मसऊदرضي الله تعالي عنه ने कहा : तुम मेरी बच्चियों के मुतअल्लिक़ फ़क़रो फ़ाक़ा से डरते हो मेने इन को हुक्म दिया है की वो हर रात सूरए वाक़ीअह पढ़ा करे, मेने रसूलल्लाहﷺ को ये फरमाते हुए सुना की जो आदमी हर रात सूरतुल वाक़ीअह पढ़ेगा वो कभी फ़क़रो फ़ाक़ा में मुब्तला नही होगा।
*✍🏽मदनी पंजसुरह 100*
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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