*दुन्या में आमद का मक़सद*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
हक़ीक़त ये है कि इस दुन्या में आ कर हम सख्त आज़माइश में मुब्तला हो गए है, हमारी आमद का मक़सद कुछ और था और शायद समझ कुछ और बेठे है !
हमारा अंदाज़े ज़िन्दगी ये बता रहा है कि मआज़ल्लाह गोया हमे कभी मारना ही नही, याद रखिये ! हमे यहाँ हमेशा नही रहना, इस दुन्या में आने का मक़सद सिर्फ मॉल कमाना या फ़क़त दुन्या के उलूमो फुनुन की डिग्रिया पाना और सिर्फ दुनयावी तरक्किया हासिल किये जाना नहीं है।
पारह 18 सूरतुल मुअमिनिन की आयत 115 में इरशाद होता है :
तो क्या ये समझते हो कि हमने तुम्हे बेकार बनाया और तुम्हे हमारी तरफ फिरना नहीं।
*✍🏽मुर्दे की बेबसी 7*
___________________________________
📮Posted by:-
*DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
हक़ीक़त ये है कि इस दुन्या में आ कर हम सख्त आज़माइश में मुब्तला हो गए है, हमारी आमद का मक़सद कुछ और था और शायद समझ कुछ और बेठे है !
हमारा अंदाज़े ज़िन्दगी ये बता रहा है कि मआज़ल्लाह गोया हमे कभी मारना ही नही, याद रखिये ! हमे यहाँ हमेशा नही रहना, इस दुन्या में आने का मक़सद सिर्फ मॉल कमाना या फ़क़त दुन्या के उलूमो फुनुन की डिग्रिया पाना और सिर्फ दुनयावी तरक्किया हासिल किये जाना नहीं है।
पारह 18 सूरतुल मुअमिनिन की आयत 115 में इरशाद होता है :
तो क्या ये समझते हो कि हमने तुम्हे बेकार बनाया और तुम्हे हमारी तरफ फिरना नहीं।
*✍🏽मुर्दे की बेबसी 7*
___________________________________
📮Posted by:-
*DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in
No comments:
Post a Comment