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Sunday 17 July 2016

बुग्ज़ व किना

*क्या मेरे महबुबो से महब्बत और मेरे दुश्मनो से अदावत भी रखी?*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया : क़यामत के दिन एक ऐसे शख्स को लाया जाएगा जो खुद को नेक समझता होगा और उसे ये गुमान होगा कि मेरे नामए आमाल में कोई गुनाह नही है।
     उससे पूछा जाएगा : क्या तूने मेरे दोस्तों से दोस्ती रखता था ? वो अर्ज़ करेगा : ऐ मेरे परवर दगार तू तो लोगो से सालिम व महफूज़ (यानी बे नियाज़) है।
     फिर रब्बे अज़ीम फ़रमाएगा : क्या तू मेरे दुश्मनो से अदावत रखता था ? तो वो अर्ज़ करेगा : ऐ मेरे मालिको मुख्तार में ये पसन्द नही करता था की मेरे और किसी के दरमियान कुछ हो,
     तो अल्लाह फ़रमाएगा : वो मेरी रहमत को नही पा सकेगा जिसने मेरे दोस्तों के साथ दोस्ती और मेरे दुश्मनो के साथ अदावत न रखी।
*✍🏽अल-मअजुम अल-कबीर 22/95*
*✍🏽बुग्ज़ व किना 73*
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