Pages

Tuesday 7 March 2017

*कुर्ब-व-वस्ले खुदावन्दी*   #1
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
           
       हज़रत गौसुल आज़म رضي الله تعالي عنه ने फ़रमाया : तुम्हारा मआमला दो हालतों से बहेरहाल खाली नहीं है, या अल्लाह इज़्ज़ो-जलका कुर्ब नहीं होगा, या अल्लाह का कुर्ब और वसाल होगा। अगर तुम इससे दूर हो तो कुरबत हासिल करनेकी ख्वाहिश में सुस्ती और काहिलीकी कैफियत में रेहना दीन-व-दुनियाकी नेअमत और दाएमी इज़्ज़त, सलामती और तवंगरी, किफायत और नफा और मेहबूबियतका वाफिर हिस्सा हासिल करने में पीछे रेह जाना क्यों?
         उठो और अपने दोनों बाज़ुओं के साथ कुर्बे खुदावन्दी की मंज़िल पाने की खातिर तेज़ी से परवाज़ करो। तुम्हारा एक बाज़ू हराम-व-मुबाह, तमाम लिज़्ज़त-व-शेहवत और हर तरहकी आसाइशोंको तज देना है और दुसरा बाज़ू अज़ीयतों, महरुहात और तकालिफ को बर्दास्त करने, फराइज़की अदाइमें सख्तियां सहने, मख्लूक़ और ख्वाहिशाते नफ़स और दुनिया-व-आख़िरतके इरादे-व-आरज़ूसे निकल जानेका नाम है।

बाक़ी कल की पोस्ट में... इंसा अल्लाह

*✍🏽फुतूहल ग़ैब*  पेज 113,14
*_____________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*_____________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 90335 03799
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment