*तर्जमए कन्ज़ुल ईमान व तफ़सीरे खज़ाइनुल इरफ़ान* #174
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*_सूरतुल बक़रह, आयत ②③ⓞ_*
फिर अगर तीसरी तलाक़ उसे दी तो अब वह औरत उसे हलाल न होगी जब तक दूसरे शौहर के पास न रहे (8) फिर वह दूसरा अगर उसे तलाक़ दे दे तो उन दोनों पर गुनाह नहीं कि आपस में मिल जाएं (9) अगर समझते हों कि अल्लाह कि हदें निभाएंगे और ये अल्लाह की हदें है जिन्हें बयान करता है अक़ल वालों के लिये.
*तफ़सीर*
(8) तीन तलाक़ों के बाद औरत शौहर पर हराम हो जाती है, अब न उससे रूजू हो सकता है न दोबारा निकाह, जब तक कि हलाला हो, यानी इद्दत के बाद दूसरे से निकाह करे और वह सहवास के बाद तलाक़ दे, फिर इद्दत गुज़रे.
(9) दोबारा निकाह कर लें.
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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फिर अगर तीसरी तलाक़ उसे दी तो अब वह औरत उसे हलाल न होगी जब तक दूसरे शौहर के पास न रहे (8) फिर वह दूसरा अगर उसे तलाक़ दे दे तो उन दोनों पर गुनाह नहीं कि आपस में मिल जाएं (9) अगर समझते हों कि अल्लाह कि हदें निभाएंगे और ये अल्लाह की हदें है जिन्हें बयान करता है अक़ल वालों के लिये.
*तफ़सीर*
(8) तीन तलाक़ों के बाद औरत शौहर पर हराम हो जाती है, अब न उससे रूजू हो सकता है न दोबारा निकाह, जब तक कि हलाला हो, यानी इद्दत के बाद दूसरे से निकाह करे और वह सहवास के बाद तलाक़ दे, फिर इद्दत गुज़रे.
(9) दोबारा निकाह कर लें.
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
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