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Thursday 30 March 2017

*क़ुरआन शरीफ के कुछ गलत तरजमे*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*وٙلٙمّٙا. يٙعْلٙمِ اٙللّٰهُ. الّٙذِيْنٙ  جٰهٙدُوْا مِنْكُمْ وٙيٙعْلٙمٙ اصّٰبِرِيْنٙ*
पारह 4, सूरए आले इमरान, आयत 142

*तरजमा*
● _शाह अब्दुल क़ादिर_ : और अभी मालुम नही किये अल्लाह ने जो लड़ने वाले है तुम में।
● _फ़त्ह मुहम्मद जालन्धरी देवबन्दी_ : हालांकि अभी खुदा ने तुम में से जिहाद करने वालो को तो अच्छी तरह मालुम किया ही नही।
● _दीप्ती नज़ीर अहमद देवबन्दी_ : और अभी तक अल्लाह ने न तो उन लोगो जांचा जो तुम में से जिहाद करने वाले है।
● _अब्दुल माजिद दरियाबादी देवबन्दी_ : हालाकि अभी तक अल्लाह ने उन लोगो को तुम में से जाना ही नही जिन्होंने जिहाद किया।
● _अशरफ अली थानवी देवबन्दी_ : हालांकि हनोज अल्लाह तआला ने उन लोगो को तो देखा ही नही जिन्होंने तुम में से जिहाद किया हो।
● _देवबन्दी महमूदुल हसन_ : और अभी तक मालुम नही किया अल्लाह ने जो लड़ने वाले है तुम में।

*_सही तरजमा_*
★ *इमाम अहमद रज़ा* : और अभी अल्लाह तआला ने तुम्हारे गाज़ियो का इम्तिहान न लिया।

     देखा आप ने ! *आला हज़रत को छोड़कर* दूसरे अनुवादक क़ुरआन की व्यख्या करते वक़्त कितने गैर हाज़िर थे की तफ़सीर के अध्ययन का कष्ट न उठाया और किस सादगी से क़लम चला दिया। एक तरफ तो अल्लाह के सर्वज्ञाता, सर्वव्यप्ता, सर्व शक्तिमान होने में ईमान, और दुआरी तरफ उसको ऐसा बेखबर बताना की मुअमिनो में से कौन लोग जिहाद की भावना से ओत प्रोत है, इसकी जानकारी अल्लाह को नही, या अभी जाना ही नहीं।
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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