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Saturday 17 September 2016

मदनी पंजसुरह

*फ़र्ज़ नमाज़ के बाद की दुआ* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*اَللّٰهُمَّ اَعِنِّى عَلٰى ذِكْرِكَ وَشُكْرِكَ وَحُسْنِ عِبَادَتِكَ*

ऐ अल्लाह तू अपने ज़िक्र व शुक्र और हुस्ने इबादत पर मेरी मदद फरमा।

*✍🏽सुनन इब्नइ दाऊद, 2/123*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 225*

*नॉट :* जिन हजरात को अरबी नही आती वो तर्जुमा याद करले और उसे पढ़े। और जो अरबी जानते है वो तर्जुमे को जहन में रखे ताकि पता चले की हम क्या पढ़ रहे है, ये दुआ में क्या है। अपनी मादरी ज़बान में दुआ पढ़ना बेहतर है।
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