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Sunday 4 September 2016

फैज़ाने सिद्दीके अकबर

#03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_आप की कून्यत_*
     आपرضي الله تعالي عنه की कून्यत अबू बक्र है, वाज़ेह रहे कि आप अपने नाम से नही बल्कि कून्यत से मश्हूर है, नीज़ आप की इस कून्यत की इतनी शोहरत है कि अवामुन्नास इसे आप का असल नाम समझते है हालांकि आप का नाम अब्दुल्लाह है।

*_अबू बक्र कून्यत की वुजुहात_*
     (1) अरबी ज़बान में "अल बक्र" जवान ऊंट को कहते है, इसकी जमा "अबकुर" और "बिकार" है, जिस के पास ऊंटो की कसरत होती या जिस का क़बीला बहुत बड़ा होता या जो ऊंटो की देख भाल और दीगर मुआमलात में बहुत माहिर होता अरब लोग उसे "अबू बक्र" कहते थे, चुकी आपرضي الله تعالي عنه का क़बीला भी बहुत बड़ा था और बहुत मालदार भी थे नीज़ ऊंटो के तमाम मुआमलात में भी आप महारत रखते थे इस लिये आप भी "अबू बक्र" के नाम से मशहूर हो गए।
     (2) अरबी ज़बान में "अबू" का माना है "वाला" और "बक्र" के माना "अव्वलिय्यत" के है, तो अबू बक्र के माना हुवे "अव्वलिय्यत वाला" चुकी आपرضي الله تعالي عنه इस्लाम लाने, माल खर्च करने, जान लुटाने, हिजरत करने, हुज़ूरﷺ की वफ़ात के बाद वफ़ात, क़यामत के दिन क़ब्र खुलने वगैरा हर मुआमले में अव्वलिय्यत रखते है इस लिये आप को अबू बक्र (यानी अव्वलिय्यत वाला) कहा गया।
*✍🏽मीरआतुल मनाजिह, 8/347*
     (3) आपرضي الله تعالي عنه की कून्यत अबू बक्र इस लिये है कि आप शुरू ही से खसाइले हमीदा रखते थे।

*✍🏽फैज़ाने सिद्दीके अकबर, 20*
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