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Thursday 8 September 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*_दसवा बाब_* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_गज़्वाए दू-मतुल जन्दल_*
     रबीउल अव्वल सी.5 ही. में पता चला की मक़ाम "दू-मतुल जन्दल" में जो मदीना और शहरे दिमश्क़ के दरमियान एक किल्ले का नाम है मदीने पर हमला करने के लिये एक बहुत बड़ी फ़ौज़ जमा हो रही है, हुज़ूरﷺ 1000 सहाबए किराम का लश्कर ले कर मुक़ाबले के लिये मदीने से निकले, जब मुशरिकीन को ये मालूम हुवा तो वो लोग अपने मवेशियों और चरवाहों को छोड़ कर भाग निकले।

     सहाबए किराम ने उन तमाम जानवरो को माले गनीमत बना लिया और आपﷺ ने तिन दिन वहा क़याम फरमा कर मुख़्तलिफ़ मक़ामात पर सहाब के लशकरो को रवाना फ़रमाया। इस गज़्वे में भी कोई जंग नही हुई इस सफर में एक महीने से ज़्यादा आपﷺ मदीने से बाहर रहे।

*✍🏽सिरते मुस्तफा, 306*
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